सोना बेचारी हर बार की तरह मालकिन की बात को चुपचाप सर झुकाकर सुन गई। सोना बेचारी हर बार की तरह मालकिन की बात को चुपचाप सर झुकाकर सुन गई।
महारानी बनने के लिए धन की नहीं अपनों की परवाह की जरूरत है। महारानी बनने के लिए धन की नहीं अपनों की परवाह की जरूरत है।
शौक भी क्या चीज है इस शौक की खातिर इंसान क्या-क्या नहीं करता ,,,,,, खुद को भी बेचना पड शौक भी क्या चीज है इस शौक की खातिर इंसान क्या-क्या नहीं करता ,,,,,, खुद को भी बे...
चुप एकदम चुप हो जा मेरी बच्ची, कुछ बोलने की जरूरत नहीं है चुप एकदम चुप हो जा मेरी बच्ची, कुछ बोलने की जरूरत नहीं है
माई के हाथ से बर्तन गिर गए माई के हाथ से बर्तन गिर गए
तो उसमें फिर सुधार की गुंजाइश बनी रहती है।इतना कहते माँ के स्वर अब गंभीर हो चुके थे। तो उसमें फिर सुधार की गुंजाइश बनी रहती है।इतना कहते माँ के स्वर अब गंभीर हो चुके...